Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच में दशहरे के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा हुई थी. इस हिंसा की शुरूआत राम गोपाल मिश्रा की मौत से हुई थी. तब दो दिनों तक आगजनी और हिंसा की घटनाएं हुई. इसके बाद अब एक्शन का दौर जारी है. पहले आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन अब प्रशासन के ऊपर भी एक्शन लिया जा रहा है.
हिंसा के मामले में बहराइच एसपी वृंदा शुक्ल ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने हरदी थाने में तैनात 14 और रामगांव थाने के 15 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है. एसपी के इस कदम को बड़े एक्शन के तौर पर देखा जा रहा है. दो दिनों तक हुई तोड़फोड़ और आगजनी के मामले पर विपक्षी दलों ने योगी सरकार को जमकर घेरा था.
लेकिन अब इस मामले में लापरवाही बरतने का मामला उजागर होने के बाद सीओ रूपेंद्र गौड़, थानाध्यक्ष सुरेश कुमार वर्मा, चौकी इंचार्ज महसी शिव सागर सरोज को निलंबित किया जा चुका है. इसी मामले में तहसीलदार पर भी कार्रवाई हो चुकी है. जांच में पता चला है कि इन सभी 29 पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरती है.
कुछ और लोगों पर होगी कार्रवाई
लापरवाही के आरोपों पर एसपी ने इन सभी पुलिसकर्मियों को आमद दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. एसपी ने पुलिसलाइन में तैनात रहे 13 पुलिसकर्मियों को अब हरदी थाने में तैनात कर दिया है. जबकि 16 कर्मियों को एसपी ने रामगांव थाने में तैनात कर दिया है. हालांकि सूत्रों की माने तो अभी आने वाले दिनों में कुछ और लोगों को कार्रवाई हो सकती है.
बता दें कि राम गोपाल मिश्रा के परिवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. इस दौरान परिवार को मुख्यमंत्री ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था. इस मुलाकात के बाद हत्या के कई आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए थे. जबकि दो आरोपियों का हॉफ एनकाउंटर किया गया था. अब ये सभी आरोपी जेल में बंद हैं.