Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तराकीश में यमुनोत्री हाईवे पर बन रहे सिलक्यारा सुरंग का निर्माण का काम अभी चल रहा है. ये वही सुरंग है, जहां बीते साल 12 नवंबर को सुरंग के अंदर मिट्टी धंस जाने से 41 मजदूर फंस गए थे. इसके बाद उन्हें निकालने का काम शुरू हुआ और भारी मशक्कत के बाद करीब 17 दिनों में उन्हें बाहर निकाला जा सका था. 17 दिनों तक चल इस रेस्क्यू ऑपरेशन की चर्चा देश लेकर विदेश तक हुई थी.
बीबीसी की रिपोर्ट की माने को हादसे के पूरे एक साल बाद अब सुरक्षा के लिहाज से कुछ बदलाव किए गए हैं. लेकिन इसकी वजह से काम की तेज पर असर पड़ा है. हालांकि इससे जुड़े अधिकारियों की माने तो यह गति सही है क्योंकि वो फिर से ऐसा कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं. अधिकारियों की माने तो 197 मीटर सुरंग का निर्माण अभी भी शेष बचा हुआ है. जबकि भूस्खलन वाले हिस्से में अभी मलबे को हटाए जाने का काम बाकी है.
सितंबर में सौंपी गई हादसे की जांच रिपोर्ट
रिपोर्ट में अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि भूस्खलन वाली जगह पर मलबे को बड़ी सावधानी के साथ और तकनीक की मदद से हटाया जा रहा है. सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की एक हाईलेवल कमेटी ने बीते सितंबर महीने में अपनी एक विस्तृत जांच रिपोर्ट भी घटना के संबंध में सौंप दी है. बीते साल यह हादसा दीपावली की रात से पहली वाली रात को हुआ था जब अंदर काम कर रहे मजदूरों की शिफ्ट खत्म होने वाली थी.
शिफ्ट सुबह 8 बजे खत्म होनी थी लेकिन सुबह 5 बजे सुरंग के मुहाने से करीब 200 मीटर अंदर भूस्खलन हुआ और काम कर रहे 41 मजदूर अंदर ही फंस गए. जब यह हादसे से पहले इस सुरंग का काम अप्रैल-मई 2024 तक पूरा करना था लेकिन अब इसका समय बढ़ाकर 28 जनवरी 2026 कर दिया गया है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार वहां फंसे 41 मजदूरों में से केवल 10 मजदूर ही अब काम कर रहे हैं जबकि 31 मजदूर हादसे के बाद घर गए और नहीं लौटे.