Manipur Violence: आरएसएस ने मणिपुर हिंसा पर बात करते हुए सोमवार को प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महिलाओं और बच्चों को कई दिनों तक बंधक बनाकर रखने के बाद उनकी हत्या निंदा की है. अमानवीय, क्रूर और निर्दयी कृत्यों की कड़ी निंदा करते हुए आरएसएस ने सरकार से जल्द समाधान खोजने की अपील की है.
केंद्र और राज्य सरकार से आरएसएस ने मणिपुर में हो रही हिंसा का जल्द से जल्द हल खोजने के लिए कहा है. इस संबंध में आरएसएस की मणिपुर इकाई ने बयान जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले साल 3 मई से शुरू हुई मणिपुर हिंसा 19 महीने पुरानी होने के बाद भी अभी तक कोई हल नहीं निकाला गया.
RSS ने क्या कहा
इस मामले पर आरएसएस ने कहा, ‘जारी हिंसा के कारण निर्दोष लोगों को बहुत कष्ट उठाना पड़ा है. RSS महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाकर उनकी हत्या करने के अमानवीय, क्रूर और निर्दयी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है. सरकार को जल्द से जल्द चल रहे संघर्ष को ईमानदारी से हल निकालना चाहिए.’
दूसरी ओर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मणिपुर में हुई हिंसा से जुड़े तीन मामलों को अपने हाथ में ले लिया है. इन घटनाओं के कारण कई लोगों की जान गई और सार्वजनिक व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हुआ. गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आदेश के बाद एजेंसी ने मणिपुर पुलिस से ये मामले अपने हाथ में ले लिए हैं.
इन मामलों की जांच करेगी NIA
एजेंसी द्वारा राज्य पुलिस से लिए गए मणिपुर के तीन हिंसक मामले इस प्रकार हैं- पहला मामला 8 नवंबर, 2024 को जिरीबाम पुलिस स्टेशन में पूरी तरह से सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा जिरीबाम क्षेत्र में एक महिला की हत्या के संबंध में दर्ज़ किया गया था. दूसरा मामला 11 नवंबर, 2024 को बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन में दर्ज़ किया गया था.
दूसरा मामला, सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा जिरीबाम के जकुराधोर करोंग और बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की चौकी (ए-कंपनी, 20वीं बटालियन) पर हमले से जुड़ा था. तीसरा मामला 11 नवंबर, 2024 को बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन में बोरोबेकरा क्षेत्र में घरों को जलाने और नागरिकों की हत्या के संबंध में दर्ज़ किया गया था.