Farmer Protest: उत्तर प्रदेश के किसान आज से दिल्ली की ओर मार्च शुरू कर रहे हैं, जिसके कारण डीएनडी फ्लाईवे और चिल्ला बॉर्डर पर भारी यातायात जाम देखा गया. मार्च शुरू होने के कारण दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है. आने और जाने वाले लोगों से ज्यादा से ज्यादा मेट्रो का उपयोग करने के लिए कहा गया है. वहीं पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है.
नोएडा संयुक्त SP शिवहरि मीना ने कहा, “किसानों द्वारा दिल्ली कूच के आह्वान के लिए किसानों के साथ हम निरंतर वार्ता में हैं. कल भी 3 घंटे हमने वार्ता की है. साथ ही हमने त्रिस्तरीय सुरक्षा प्लान तैयार किया है. जिसके तहत लगभग 5 हजार कर्मचारी विभिन्न रास्तों पर चैकिंग कर रहे हैं. ट्रैफिक मैनेजमेंट भी किया जा रहा है. 1000 के करीब PAC के जवान तैनात हैं. इसके अतिरिक्त वाटर कैनन, टियर गैस स्क्वाड और अन्य अनुशासनिक शाखाएं सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात हैं.”
हमने पुख्ता इंतजाम किए- दिल्ली पुलिस
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च से पहले दिल्ली पुलिस की तैयारियों पर पूर्वी दिल्ली DCP अपूर्वा गुप्ता ने कहा, “हमें अग्रिम जानकारी मिली थी कि कुछ किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का एलान किया है. अभी सदन भी चल रहा है तो फिलहाल उन्हें नई दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है. हमने अपनी ओर से पुख्ता इंतजाम किए हैं हमारी कोशिश रहेगी की दिल्ली में कानून व्यवस्था बाधित ना हो, ट्रैफिक की समस्या ना आए और आम जनता को भी किसी प्रकार की परेशानी ना आए. हम लगातार नोएडा पुलिस के संपर्क में हैं और जानकारी साझा कर रहे हैं. उनके साथ अच्छा समन्वय है.”
उनके दिल्ली कूच को रोकने के लिए पुलिस ने पुख्ता व्यवस्था की है. जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई है और कई जगहों पर किलें भी लगी हैं. वहीं दूसरी ओर वज्र वाहन तैनात किया गया है. जबकि ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है. यमुना एक्सप्रेस-वे से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे होकर दिल्ली जाने वाले और सिरसा से परी चौक होकर सूरजपुर जाने वाले रास्ते पर सभी प्रकार के मालवाहक वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. पुलिस के ओर से हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “सरकार किसानों की बात सुनने के लिए और उनसे बात करने के लिए तैयार है. पिछली बार भी जिन कानूनों पर उनको एतराज था सरकार ने बिना किसी शर्त के उसे वापस लेने का काम किया. ये सरकार की नीयत को दर्शाता है कि पूरी तरीके से किसानों की भावना के साथ हमारी केंद्र की NDA काम करने का प्रयास कर रही है. बातचीत का रास्ता सरकार ने खोल रखा है. मुझे लगता है पहले बातचीत होनी चाहिए.”