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Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि में क्‍यों नहीं खानी चाहिए लहसुन-प्‍याज समेत ये चीजें, इसके पीछे क्या है धार्मिक मान्यता? जानें

BBTV:इस साल 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्त व्रत रखते हैं और विधि-विधान से माता रानी की पूजा करते हैं।  पहले दिन घटस्थापना की जाती है और अखंड ज्योति जलाई जाती है। वैसे तो नवरात्रि के हर दिन का खास महत्व होता है रात्रि बेहद पवित्र त्योहार है इस दौरान व्रत करने वाले फलाहार का ही सेवन करते हैं वहीं जो लोग व्रत नहीं रखते हैं वे लोग भी सात्विक भोजन ही ग्रहण करते हैं।

चैत्र नवरात्रि में नौ दिनों तक तामसिक भोजन करने की सक्त मनाही होती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि में लहसुन-प्याज का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए । आइए जानें इसके पीछे की मान्यता….

नवरात्रि में लहसुन-प्याज क्यों नहीं खाना चाहिए

हिंदू पुराणों के अनुसार पूजा-पाठ या किसी भी व्रत के दौरान लहसुन प्याज से युक्त भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए। शास्त्रों में बताया है कि लहसुन-प्याज तामसिक प्रवृत्ति के होते हैं जो कि अशुद्ध श्रेणी में शामिल होते हैं ।कोई भी पूजा-पाठ, व्रत तभी फलित होता है जब व्यक्ति का इंद्रियो पर काबू हो, मन शुद्ध हो।

प्याज और लहसुन का संबंध पाप ग्रह राहु-केतु से माना गया है। इनके सेवन से अज्ञानता को बढ़ावा मिलता है, व्यक्ति में वासना भी बढ़ती है. इसलिए नवरात्रि व्रत या किसी भी उपवास के दौरान लहसुन-प्याज का सेवन करने की मनाही होती है।

लहसुन-प्याज का राहु-केतु से संबंध

नवरात्रि व्रत या पूजा के दौरान लहसुन और प्याज को न खाने को लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है. जब समुद्र मंथन हुआ स्वरभानु नाम का दैत्य देवताओं के बीच बैठकर छल से अमृत पी लिया था. ये बात जब मोहिनी रूप धारण किए भगवान विष्णु को पता चली, तो उन्होंने अपने चक्र से स्वरभानु का सिर धड़ से अलग कर दिया। सिर कटते ही अमृत की कुछ बूंदें उस राक्षस के मुंह से रक्त के साथ नीचे जमीन में गिरीं, जिनसे प्याज और लहसुन की उत्पत्ति हुई।

राक्षसी गुण से युक्त है

अमृत से पैदा होने के कारण प्याज और लहसुन रोगनाशक है, लेकिन इसमें राक्षसी रक्त का मिश्रण होने के कारण राक्षसी गुणों का समावेश भी है इसलिए इसे अपवित्र माना गया है। इसके सेवन से क्रोध, हिंसा, पाप में वृद्धि होती है. यही वजह है कि पूजा में भी कभी भगवान को लहसुन और प्याज का भोग नहीं लगाया जाता है । नही इसका सेवन करते हैं।

Note -यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ।हां यह बताना जरूरी है कि BBTV .Com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

 

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