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Dada Saheb Phalke Award: गरीबों के अमिताभ बच्चन को सबसे बड़ा फिल्म पुरस्कार, समझें पर्दे के पीछे की कहानी

Dada Saheb Phalke Award: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के फैसले ने जैसे मशहूर अभिनेता और अब बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती को चौंकाया होगा उसी तरह आज हर कोई तब चौंक गया. जब फिल्म जगत का सबसे प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 2024 से मिथुन चक्रवर्ती को सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई. यानी लगता है कि शायद ये मोदी सरकार या कहे तो एनडीए सरकार की मेहरबानी ही है कि और भी तमाम सिनेमाई लीजेंड के रहते उन्हें मिथुन चक्रवर्ती के तौर पर ही भारतीय सिनेमा में अहम योगदान देने वाला सबसे बड़ा और धुरंधर चेहरा नजर आया.

वैसे देखा जाए तो हाल के कुछ दिनों में मोदी सरकार की कुछ घोषणाओं ने सबकों चौंकाया और हैरान किया है तो उसी में मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजे जाने का नाम भी चौंकाता है. यहां सवाल ये भी उठता है कि क्या मिथुन चक्रवर्ती को इसलिए भी दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है कि वो पश्चिम बंगाल से हैं और भाजपा नेता हैं. वैसे भी पश्चिम बंगाल का सियासी किला प्रधानमंत्री मोदी के लिए करो और मरो की तरह हो गया है नहीं तो फिल्म जगत से जुड़े कई ऐसे दिग्गज मौजूद है जिनका भारतीय सिनेमा में मिथुन चक्रवर्ती से कहीं ज्यादा योगदान है और उसे बताने की जरुरत नहीं.

अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी

खैर, मिथुन चक्रवर्ती को ये पुरस्कार 8 अक्टूबर को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार कार्यक्रम में दिया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मिथुन चक्रवर्ती को सम्मानित किए जाने की घोषणा की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘कोलकाता की सड़कों से सिनेमा की दुनिया में ऊंचाई छूने तक. मिथुन दा की सिनेमाई जर्नी ने हर जनरेशन को इंस्पायर किया है. मैं ये बताते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि दादा साहेब फाल्के सेलेक्शन जूरी ने मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके अहम योगदान के लिए सम्मानित करने का फैसला किया है.’

वैसे मिथुन चक्रवर्ती को पद्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. शुरुआती दौर में आर्थिक तंगी से गुजरने वाले मिथुन चक्रवर्ती आज सैकड़ों करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं. 16 जून 1950 को कोलकाता में जन्में मिथुन चक्रवर्ती अपनी मेहनत के दम पर पहले देश के मशहूर अभिनेता और फिर राजनेता बने. कम लोगों को ही पता होगा कि मिथुन चक्रवर्ती का फिल्मों में आने से पहले पश्चिम बंगाल में नक्सली आंदोलन की तरफ झुकाव हो गया था और वो कुछ दिनों के लिए इससे जुड़ गए थे.

मिथुन का सफर

लेकिन बाद में वो इससे बाहर निकले FTII चले आए और फिर अभियन को ही अपना जीवन बना लिया. इसी दौरान मिथुन चक्रवर्ती को फिल्म मृग्या में अभिनय का चांस मिला जो उनकी पहली फिल्म थी और उन्हें पहली फिल्म के लिए ही बेस्ट एक्टर का पहला नेशनल अवॉर्ड मिल गया और इसके बाद मिथुन चक्रवर्ती ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. मिथुन चक्रवर्ती ने अबतक 3 नेशनल अवॉर्ड जीते.

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इसके अलावा मिथुन चक्रवर्ती ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी और अपने प्रशंशकों का दशकों तक खूब मनोरंजन किया. बाद में उन्होंने फिल्में प्रोड्यूस भी. मिथुन दा ने 350 से ज्यादा फिल्में की. इनमें हिंदी, बंगाली, तमिल, भोजपुरी, तेलुगू, कन्नड़, पंजाबी शामिल हैं. मिथुन चक्रवर्ती की आखिरी रिलीज हुई हिंदी फिल्म साल 2022 की द कश्मीर फाइल्स थी. एक समय मिथुन चक्रवर्ती देश के सबसे ज्यादा हाईपेड अभिनेताओं में से एक रहे.

भोजपुरी में किया अभिनय

मिथुन चक्रवर्ती की अग्निपथ, हमसे बढ़कर कौन, हम से है जमाना, डिस्को डांसर, बॉक्सर, टैक्सी चोर जैसी कई फिल्में हैं जिसमें उनके निभाए गए किरदार को काफी सराहा गया. 2008 में मिथुन चक्रवर्ती ने भोजपुरी फिल्म भोले शंकर में भी अभिनय किया. मिथुन चक्रवर्ती ने अभिनेत्री योगिता बाली से शादी की.

फिल्म अग्निपथ में अमिताभ बच्चन के साथ मिथुन चक्रवर्ती का कृष्णन अय्यर एमए का किरदार आज भी लोगों को याद है. जबकि फिल्म डिस्को डांसर में मिथुन चक्रवर्ती का जिम्मी किरदार और ‘जिमी जिमी’ गााना कापी समधूर हुआ था. माना जाता है कि मिथुन ही भारतीय फिल्मों डिस्को डांस के सबसे बड़े नायक बनकर उभरे. मिथुन चक्रवर्ती का एक डॉयल़ॉग कोई शक काफी मशहूर है. ठीक इसी तरह आज फिल्म जगत में तमाम लीजेंड के रहते हुए मिथुन चक्रवर्ती को उनके ऊपर प्राथमिकता दी गई है इसमें भी कोई शक नहीं.

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