Haryana Election Result 2024: जब लोकसभा चुनाव खत्म हुआ और हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हुई तो हर कोई के मन में यही था कि अब राज्य में कांग्रेस की सरकार आएगी. लेकिन मंगलवार को जब चुनाव के रिजल्ट आए तो हर कोई चौंक गया. किसी ने भी ऐसे रिजल्ट आएगा ये सोचा भी नहीं था. लेकिन सवाल यह है कि बीजेपी ने आखिर हारी हुई बाजी कैसे पलट दी.
दरअसल, इस पूरे खेल की शुरूआत सीएम नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद शुरू हुई. बीजेपी ने पहले राज्य में लोगों का मन पढ़ा और फिर अपने एक्शन प्लान पर काम शुरू किया. लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद ताबड़तोड़ फैसले लिए गए. लोकसभा चुनाव खत्म होने और विधानसभा चुनाव के ऐलान के बीच मात्र 56 दिनों में नायब सिंह सैनी ने पूरा गेम बदल डाला.
माइक्रो मैनेजमेंट का दिखा रंग
इन 56 दिनों के अंदर सरकार ने 126 फैसले लिए और इन फैसलों को तत्काल लागू कराया गया, जिससे हर वर्ग को फायदा मिला. सरकार के ये फैसले किसानों, पिछड़ों, दलितों और युवाओं से जुड़े हुए थे. हालांकि सरकार को पार्टी और संगठन के माइक्रो मैनेजमेंट का भी खुब फायदा मिला लेकिन सरकार के फैसले और उन्हें लोगों तक पहुंचाने का तरीका काफी चर्चा में रहा.
देखा जाए तो बीते दस सालों में सरकार ने 1.40 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी. स्थानीय लोगों की माने तो बिना पर्ची-खर्ची से सरकारी नौकरी देने का सीधा मैसेज जनता के बीच गया. इसके अलावा चुनाव से ठीक पहले 24 फसलों पर एमएसपी का ऐलान कर नायब सिंह सैनी सरकार ने पूरा खेल ही बदला डाला और किसानों के मुख्य मुद्दे का हल खोजने की पूरी कोशिश की.
ये रहे अहम फैक्टर
इसके अलावा कांग्रेस के जाति जनगणना की मांग के काट के तौर पर एससी की वंचित जातियों को आरक्षण में शामिल करना भी अहम फैक्टर रहा. इसमें वाल्मीकि, धानक, खटीक जैसी कुल 36 जातियां शामिल थीं. ओबीसी के क्रीमी लेयर सीमा को छह से बढ़ाकर आठ लाख कर दिया. इस फैसले ने जाट वोटर्स के खिलाफ गैर जाटों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई है.
बीजेपी ने टिकट बांटते वक्त सोशल इंजीनियरिंग का भी पूरा ख्याल रखा. पार्टी ने 34 टिकट सामान्य वर्ग और 22 टिकट ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को दिया. इसके अलावा मुस्लिम चेहरों के तौर पर दो उम्मीदवारों पार्टी ने टिकट दिया. मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाने भी बीजेपी के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ है.
प्रदेश में बदली जिम्मेदारी
पार्टी ने ओबीसी चेहरे के तौर पर नायब सिंह सैनी को राज्य की जिम्मेदारी दी तो ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मोहन लाल बड़ौली को प्रदेश की कमान भी सौंप दी. बीजेपी ने इस चुनाव में मुफ्त की योजनाओं से भी परहेज नहीं किया. पार्टी ने महिलाओं के खाते में 2100 रुपये और कॉलेज की छात्राओं को मुफ्त स्कूटी देने घोषणा की है.
चुनाव प्रचार के दौरान अंतिम एक सप्ताह में पार्टी का पूरा स्टार प्रचारक ही मैदान में उतर आया था. केंद्रीय मंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ ने जमकर चुनाव प्रचार किया. शाह ने दस और योगी ने कुल 14 रैली की. जबकि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राज्य में चार चुनावी रैली की. बीजेपी के 22 स्टार प्रचारकों ने पूरे राज्य में 155 रैली, जनसभाएं और रोड शो किए.
वहीं इस चुनाव के दौरान बीजेपी ने दूसरे राज्यों के विधायकों को हरियाणा में बुलाकर उन्हें प्रचार की कमान सौंपी. हालांकि इसमें आरएसएस का भी काफी बड़ा योगदान रहा है. बूथ मैनेजमेंट से लेकर छोटी-छोटी बैठकें करने की जिम्मेदारी पार्टी ने इनके कंधों पर डाली थी.