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Hathras Rape Case: हाथरस के पीड़ित परिवार से मिले राहुल गांधी, कोर्ट के फैसले से नाखुश, नहीं पूरी हुई है मांग

Hathras Rape Case: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी गुरुवार को हाथरस रेप के पीड़ित परिवार से मिले. पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए गुरुवार की सुबह वह दिल्ली से रवाना हुए और करीब 12 बजे उन्होंने हाथरस में पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इस मामले में पीड़िता की रेप के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी. वहीं कोर्ट ने इस मामले के 4 में से 3 आरोपियों को बरी कर दिया है.

राहुल गांधी के दौरे की वजह से हाथरस के चंदपा इलाके में गांव और उसके आसपास पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी गई थी. इससे पहले यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय ने लखनऊ में इस बात की पुष्टि की थी. उन्होंने बताया कि राहुल गांधी हाथरस के बूल गढ़ी में पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे. उनके इस दौरे से सियासी बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है.

ब्रजेश पाठक का पलटवार

राहुल गांधी के दौरे पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, “राहुल गांधी, आपमें निराशा का भाव है, आप हताशा के शिकार हैं. आपको पता ही नहीं है कि हाथरस मामले की जांच CBI ने कर दी है. मामला कोर्ट में चल रहा है. जबकि आप उत्तर प्रदेश को अराजकता की आग में, दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं, लोगों को भड़काना चाहते हैं. कृपया ऐसा ना करें.”

दरअसल, हाथरस रेप केस में पीड़ित परिवार को सरकार की घोषणा के मुताबिक सरकारी आवास और नौकरी नहीं मिली है. ये मामला अभी कोर्ट में लंबित है. जबकि रेप केस में कोर्ट ने इस मामले में आरोपी 4 युवकों में से 3 को बरी कर दिया था. वहीं एक आरोपी संदीप को आजीवन कारावास और 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई थी. हालांकि पीड़ित परिवार इस फैसले से खुश नहीं है.

क्या है मालमा

पीड़ित पक्ष के वकील का कहना है कि इस फैसले को लेकर हाईकोर्ट में अपील करेंगे. इसमें कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ हुआ है. गौरतलब है कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस के गांव में एक दलित युवती के साथ दरिंदगी हुई थी और उसे जान से मारने की कोशिश हुई थी. हालांकि इलाज के दौरान 29 सितंबर 2020 को युवती की मौत हो गई थी.

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इस मामले के गांव के चारों आरोपी युवक जेल भेजे गए थे. सीबीआई ने मामले की जांच करके चारों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. सुनवाई के बाद यह निर्णय आया था. अलबत्ता सीआरपीएफ की टुकड़ी रोजाना की तरह परिवार की सुरक्षा में रहती है. पीड़ित परिवार घटना के बाद से ही गांव के बाहर सरकारी आवास और सरकारी नौकरी की मांग कर रहा था.

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