Jammu Kashmir Election Result 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे इस बार बीजेपी के उम्मीदों के खिलाफ आए हैं. पार्टी ने यहां कम से कम 35 सीटों पर उम्मीद रखी थी लेकिन 29 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. जबकि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस को गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिली है. इस जीत के बाद उनके लिए सबसे अहम अनुच्छेद-370 का सवाल होगा.
दरअसल, चुनाव के दौरान विपक्षी दलों ने इसे बीजेपी के खिलाफ जमकर मुद्दा बनाया है. खास तौर पर नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने इसे लेकर कई अहम वादे किए हैं. अब चुनाव के बाद जब पूर्ण बहुमत मिला है तो सवाल उठने लगा है कि राज्य में अनुच्छेद-370 का क्या होगा? नेशनल कांफ्रेंस के ओर से इसे लागू करने का वादा किया गया है.
कांग्रेस की चुप्पी
जब विधानसभा चुनाव हो रहे थे उस वक्त जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद-370 लागू करने का वादा नेशनल कांफ्रेंस के ओर से किया गया था. हालांकि कांग्रेस ने इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी. लेकिन अब चुनाव खत्म हो गया है और गठबंधन को बहुमत मिल गया है तो ऐसे में अब आगे सरकार बनने के बाद क्या फैसला होगा, ये देखने वाली बात होगी.
नेशनल कांफ्रेंस ने इस बार चुनाव में फिर से राज्य को स्वायत्तता दिलाने का वादा किया है. साल 2000 में अपनी सरकार के दौरान नेशनल कांफ्रेंस ने इसके लिए प्रस्ताव भी पास किया था. लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. अब फिर से सरकार बनने के बाद यह कैसे अमल में लाया जाएगा ये देखना अहम होगा.
चुनाव के दौरान फारुख अब्दुल्ला की पार्टी ने राजनैतिक कैदियों की रिहाई का वादा किया था. इसकी आड़ में पत्थरबाजों को छोड़ने का आश्वासन उन्हें दिया गया. लेकिन अब सरकार को बहुमत मिल चुका है और जिस तरह के अधिकारी एलजी के पास हैं तो वैसी स्थिति में ये कैसे संभव हो पाता है?
ये वादे कैसे पूरे होंगे
चुनावी वादों में एनसी ने 200 यूनिट बिजली फ्री और 12 एलपीजी गैस सिलेंडर फ्री देने का वादा किया था. जबकि कांग्रेस के ओर से महिलाओं को हर महीने तीन हजार रुपए देने का वादा हुआ है. जहां इस तरह के वादे हुए हैं उन राज्यों में सरकार बिना केंद्र के सहयोग के कर्जों के बोझ में दब गई है. ऐसे में यहां वादे कैसे पूरे होते हैं ये देखना होगा.
केंद्र सरकार और एलजी के साथ समन्वय बैठाकर सरकार चलाने इस गठबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. दिल्ली में इसका अच्छा उदाहरण देखा जा सकता है. यहां आए दिन एलजी और सरकार के बीच टकराव सुर्खियों में बना रहता है. इस वजह से अब जम्मू कश्मीर में क्या होगा ये देखना अहम होगा.