Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार से नामांकन शुरू हो चुका है. इस दौरान राज्य में महा विकास अघाड़ी के बाद सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अभी तक नहीं निकल पाया है. खास तौर पर कांग्रेस और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के बीच जारी तकरार कम होने का नाम ही नहीं ले रही है.
हालांकि इन दोनों पार्टियों के बीच तकरार कम करने का जिम्मा अब शरद पवार ने उठा लिया है. दोनों ही दलों के बीच करीब तीन दर्जन सीटों पर तकरार है. इसको देखते हुए दोनों दलों के बीच शरद पवार अब रेफरी की भूमिका में आ गए हैं. सूत्रों की माने तो महाराष्ट्र चुनाव को लेकर दिल्ली में कांग्रेस के CEC की बैठक सोमवार को हुई है.
मिलने लगे संकेत
सोमवार को हुई बैठक के दौरान पार्टी ने पहली सूची लिए नाम लगभग तय कर लिए हैं. इस वजह से संकेत मिलने लगे हैं कि दोनों ही दल सुलह का फॉर्मूला तलाशने में जुट गए हैं. खास तौर पर दोनों ही दलों का शीर्ष नेतृत्व अब थोड़ा नरम पड़ रहा है. तीनों ही दल इस बात पर पूरी तरह सहमत हैं कि गठबंधन में ही चुनाव लड़ा जाएगा.
इन सब सियासी घटनाक्रम के बीच सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में CEC की बैठक हुई है. इस बैठक में पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट तैयार कर ली है. इस बैठक में पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे.
यहां फंसा है पेंच
सूत्रों की माने तो कांग्रेस राज्य की कुल 288 विधानसभा सीटों में से करीब 110 पर चुनाव लड़ना चाहती है. कांग्रेस इन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रही है लेकिन दूसरी ओर उद्धव ठाकरे का गुट भी 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए अड़ा हुआ है. लेकिन दोनों ही पार्टियों के बीच मामला तीन इलाकों में आकर फंस रहा है.
मुंबई, नासिक और विदर्भ में कई ऐसी सीटों पर उद्धव गुट दावा कर रहा है जो कांग्रेस की लिस्ट में है. उसका कहना है कि इन सीटों पर न तो अभी कांग्रेस के विधायक हैं और न एनसीपी के हैं. जबकि कांग्रेस अपने आधार वोट का दावा करते हुए इन इलाकों में चुनाव लड़ना चाहती है और उसका कहना है कि शिवसेना का यहां कभी प्रभाव नहीं रहा है.