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Maharashtra Assembly Election 2024: MVA को समर्थन देने के लिए मुस्लिम संगठनों ने रखी RSS पर बैन की शर्त, कांग्रेस से मिला आश्वासन

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में अब दस दिन से भी कम का वक्त बचा हुआ है. इस चुनाव के लिए आल इंडिया उलमा बोर्ड ने राज्य में महा विकास अघाड़ी को समर्थन देने का फैसला किया है. लेकिन इसके लिए बोर्ड द्वारा एक पत्र MVA को दिया गया है, जिसमें आरएसएस को बैन करने समेत कई बड़ी मांगे रखी गई है.

महा विकास अघाड़ी को समर्थन देने के लिए आल इंडिया उलमा बोर्ड द्वारा लिखे गए पत्र के जरिए की गई मांग ने MVA के नेताओं को भी असहज कर दिया है. इस पत्र के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि मुस्लिम संगठनों में MVA के साथ जाने की होड़ मची हुई है. बोर्ड द्वारा यह पत्र बीते सात अक्तूबर को लिखा गया था. जिसमें दावा किया गया था कि यह राज्य में सक्रिय मुस्लिम उलमाओं का संगठन है.

MVA को समर्थन के फैसले की शर्त

इनकी बैठक 2023 में कांग्रेस के महाराष्ट्र अध्यक्ष नाना पटोले के साथ मुंबई में हुई थी. इसके बाद बोर्ड ने लोकसभा चुनाव के दौरान भी MVA को समर्थन देने का फैसला किया था. इसके अनुसार, बोर्ड ने राज्य की सभी 48 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और MVA के दलों को समर्थन दिया था. तब बीते लोकसभा चुनाव में MVA को राज्य में अच्छी सफलता मिली थी.

लेकिन अब बोर्ड द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि हम विधानसभा चुनाव में भी MVA को समर्थन दे रहे हैं. अगर MVA की सरकार बनती है तो हमारी इन 17 मांगो का समर्थन किया जाए. उलमा द्वारा की गई 17 मांगो में आरएसएस को राज्य में बैन करने की मांग भी की गई है. अब यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके साथ कांग्रेस और शरद पवार गुट द्वारा भेजा गया पत्र भी वायरल है.

असहज हो गए MVA के नेता

MVA के दलों के वायरल पत्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और एनसीपी (शरद पवार) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के हस्ताक्षर हैं. इन पत्रों के जरिए दोनों ही नेताओं ने विधानसभा चुनाव में समर्थन देने के लिए उलमा बोर्ड को धन्यवाद दिया है. इसके साथ ही उन्होंने उलमा को मांगो को पूरा करने का आश्वासन दिया है. लेकिन यह पत्र सामने आने के बाद अब दोनों ही दलों के नेता असहज हो गए हैं.

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अब उन दलों के नेताओं का कहना है कि ऐसा कोई पत्र उनकी पार्टी के ओर से जारी नहीं किया गया. जबकि इस पत्र के सामने आने के बाद MVA के एक और सहयोगी शिवसेना (UBT) पूरी तरह खामोश है. जबकि बीते दोनों उद्धव गुट के प्रत्याशी सुनील प्रभु के मौलानाओं के साथ हुई बैठक का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसके बाद वह सफाई दे रहे हैं.

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