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Prasad Controversy: सुब्रमण्यम स्वामी के सवाल, हो गया बवाल, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

Prasad Controversy: तिरुपति के विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू प्रसादम में पशु की चर्बी का इस्तेमाल किए को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में तमाम याचिकाएं दाखिल की जा रही है. अब इसी कड़ी में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के द्वारा लगाए गए मिलावट के आरोपों की जांच करने की मांग की है. साथ ही कहा है कि जांच अदालत की निगरानी में कराई जाए.

सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह आंध्र प्रदेश सरकार को लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी के स्रोत और नमूने पर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दे. स्वामी ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया कि वह संबंधित अधिकारियों से विस्तृत फोरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए अंतरिम निर्देश जारी करे. सुब्रमण्यम ने याचिका दायर कर कुछ अहम सवाल भी किए हैं-

सुब्रमण्यम स्वामी ने क्या पूछा?

क्या प्रसादम की सैंपलिंग लैब-टेस्टिंग एजेंसी की ओर से की गई?
जिस घी को मिलावटी बताया जा रहा है, उसका सप्लायर कौन है?
क्या रिपोर्ट में गलत सकारात्मक परिणाम की गुंजाइश है?
घी कब खरीदा गया था या टीटीडी की इंटरनल टेस्टिंग के बाद रिजेक्ट कर दिया गया था?
क्या ऐसी रिपोर्ट जारी करने में किसी राजनीतिक हस्क्षेप को अनुमति होनी चाहिए और टीटीडी को नहीं होनी चाहिए?

स्वामी ने अपनी याचिका के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट भी किया. स्वामी ने लिखा कि मैंने एक जनहित याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों की जांच के निर्देश देने की मांग की है. नायडू ने आरोप लगाया है कि तिरुपति तिरुमाला मंदिर के प्रसाद में जानवरों के मांस और अन्य सड़े हुए पदार्थों की मिलावट की गई है, जिससे भक्तों में अफरा-तफरी मच गई है.

जांच कराए जाने की मांग

इससे पहले वाईएसआऱ कांग्रेस के नेता और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पूर्व प्रमुख वाईवी सुब्बा रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट रिटायर्ड जज के नेतृत्व वाली एक स्वतंत्र समिति द्वारा जांच कराये जाने की मांग की है. इस बीच इस मामले में सियासत भी चरम पर है. टीडीपी और वाइएसआर कांग्रेस के बीच बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है.

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आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और अभिनेता पवन कल्याण ने जहां 11 दिनों तपस्या करने की बात कही थी तो आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्न मोहन रेड्डी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की शिकायत की.

उन्होंने पत्र में लिखा कि चंद्रबाबू नायडू आदतन झूठे हैं और वो इतने नीचे गिर गए हैं कि उन्होंने केवल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई है. झूठ फैलाने के लिए नायडू को कड़ी फटकार लगाई जाए और सच्चाई को सामने लाया जाए. इससे करोड़ों हिंदू भक्तों के मन में नायडू द्वारा पैदा किए गए संदेह को दूर करने और टीटीडी की पवित्रता में उनके विश्वास को बहाल करने में मदद मिलेगी.

उचित कार्रवाई का वादा

जबकि इस विवाद के बाद केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी और उचित कार्रवाई करने का वादा किया है. केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आरोपों की जांच कराने की बात कही है. आपको बता दें कि हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने के लिए जानवरों की चर्बी और दूसरी घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था.

तब चंद्रबाबू नायडू ने ये सवाल भी किया कि आखिर 319 रुपये प्रति किलो पर शुद्ध घी कोई कैसे उपलब्ध करा सकता है. जबकि पाम ऑयल भी इससे महंगा है. टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने कहा था कि सैंपल की लैब रिपोर्ट पुष्टि करती है कि जिससे लडडू बनाया गया उसमें जानवरों की चर्बी, लार्ड और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया था.

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