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हिम्मत हार रही महिलाओं के लिए प्रेरणादायक हैं इन पावरफुल वीमेन के कोट्स

BBTV:आज भारत और अन्य देशों में हर क्षेत्र में औरतों की भागीदारी बढ़ रही है। जो हम सभी महिलाओं को लाइफ में कुछ कर गुजरने और अपना नाम बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। वो सभी महिलाएं जिनकी लड़ाई खुद से है, उनके लिए भी ये कोट्स बहुत ही ज्यादा मोटिवेशनल हैं। आइए जानते हैं…औरतों को आगे बढ़ाने के लिए मेरी कॉम, राधिका आप्टे और स्मृति ईरानी जैसी कई एम्पोवेरिंग वीमेन क्या कहती हैं।

हम में से कई महिलाएं ऐसी होंगी, जिनकी किसी न किसी रूप में अपने हक के लिए लड़ाई चल रही होगी। ये लड़ाई अपनी शिक्षा, व्यवसाय या बाहर काम करने की आजादी के लिए भी हो सकती है। समाज से लड़ने के लिए औरतों को सबसे पहले खुद से भी लड़ना पड़ता है। कई बार रेस में हारने के बाद, फिर से दौड़ में शामिल होने के लिए हिम्मत जुटानी पड़ती है। तब जा कर एक औरत अपना हक पाती है।

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भारत सहित दुनियाभर की ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने न सिर्फ अपने क्षेत्र में एक अच्छा मुकाम हासिल किया, बल्कि और भी कई औरतों को जिंदगी में आगे बढ़कर कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित भी किया है। मनोरंजन की दुनिया हो या खेल जगत, उन्होंने परिवार और समाज से लड़कर जीत हासिल कर अपनी काबिलियत का झंडा गाड़ा है। आज हम आपके लिए ऐसी ही कुछ महिलाओं के इंस्पिरेशनल कोट्स लेकर आए हैं, ताकि अगर आप थोड़ी भी हिम्मत हार रही हों तो इन्हें पढ़कर आपको मजबूती मिले और अपने लक्ष्य तक पहुंचने का साहस भी।

 

राधिका आप्टे

PC -radhikaofficial ,Instagram

बॉलीवुड की दमदार एक्ट्रेस राधिका आप्टे, पुणे से हैं। अपनी मेहनत के दम पर राधिका ने फिल्मों सहित कई वेबसेरीज में भी अपने काम की ऐसी छाप छोड़ी है कि आज बड़े-बड़े प्रड्यूसर उनके साथ काम करना चाहते हैं। अपने संघर्षों से अन्य महिलाओं को प्रेरित करते हुए वो कहती हैं कि ‘जीवन कई मायनों में कठिन है। आप यहां क्यों हैं, आप यहां क्या करने आए हैं, आप कौन हैं – इन सभी चीजों के पीछे का अर्थ ढूंढना मुश्किल है। मुझे लगता है कि क्रिएटिविटी फोकस को वापस आपकी ओर लाती है।’

सलमा हायेक

 

57 साल की सलमा हायेक मैक्सिकन एक्ट्रेस हैं। जो केवल एक अच्छी अभिनेत्री ही नहीं बल्कि डायरेक्टर के साथ फिल्म और टीवी शो मेकर भी हैं। इनके जरिए वो महिलाओं की मजबूती को दिखाने की कोशिश करती हैं। इसकी वजह को उन्होंने कई बार जाहिर भी किया।

उदाहरण के लिए, वो महिलाओं के लिए उम्र को बंधन न मानते हुए कहती हैं कि ‘हमें उन्हें अपनी एक्सपायरी डेट क्यों बतानी चाहिए? मुझे लगता है कि जब उम्र की बात आती है तो लिंग भेद बहुत ज्यादा होता है। वो हमें कई डेडलाइन देते हैं जो खुद उनके पास नहीं हैं। जैसे कि एक तय उम्र के बाद, आप अपनी खूबसूरती खो देंगी या कोई भी आपसे शादी नहीं करना चाहेगा। ये बिलकुल सही नहीं है। मैं ऐसा किरदार बनाना चाहती थी, जो मजबूत हो, तेज हो, सुंदर हो, सेक्सी हो और एडवेंचर के लिए तैयार हो, क्योंकि मेरी उम्र की महिलाएं, जो फिफ्टी या मिड फिफ्टी में हैं, अभी भी ऐसी हो सकती हैं।’

अरुंधति रॉय

 

अरुंधति रॉय एक अंग्रेजी राइटर और सोशलिस्ट हैं। अपनी बेबाक राइटिंग से सभी के अंदर जोश की आग जलाने वाली अरुंधति ने अपनी किताब ‘द गॉड ऑफ स्माल थिंग्स’ के लिए बुकर प्राइज भी जीता है। लोगों को कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित करते हुए वो कहती हैं कि ‘किसी भी तरह, बदलाव आएगा। ये खूनी भी हो सकता है और सुंदर भी। ये हम पर निर्भर करता है।’

 

 


मैरी कॉम

आज भी समाज में कई लोग ऐसा सोचते हैं, कि क्रिकेट और बॉक्सिंग जैसे खेल केवल पुरुषों के लिए हैं। ऐसे ही लोगों की बोलती बंद करने का काम मेरी कॉम ने किया। आज देशभर में इस खिलाड़ी के नाम का पर्चम लहरा रहा है। मैरी ने साबित कर दिया कि खेल का कोई जेंडर नहीं होता। वो कहती हैं ‘लोग कहते थे कि बॉक्सिंग पुरुषों के लिए है, महिलाओं के लिए नहीं और मैंने सोचा कि मैं उन्हें किसी दिन दिखाऊंगी। मैंने खुद से वादा किया और खुद को साबित भी किया।’

 

स्मृति ईरानी

 

PC -@smritiirani ,X

कई महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित करने वाली स्मृति ईरानी टेलीविजन एक्ट्रेस भी रह चुकी हैं। अपने जीवन के इस अनुभव से महिलाओं के आगे बढ़ने को लेकर वो कहती है कि ‘जैसे चैरिटी की शुरुआत घर से होती है, वैसे ही हमें बदलाव की शुरुआत अपने घर और समाज से ही करनी होगी। हमें इस दुनिया को महिलाओं के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।’
कल्पना चावला

कल्पना चावला

 


बच्चा-बच्चा जानता है कि कल्पना चावला चांद पर जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं। कल्पना ने हर उस औरत को ये भरोसा दिलाया, कि महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं, यहां तक कि चांद पर भी जा सकती हैं। सपनों को पूरा करने की हिम्मत देते हुए उन्होंने कहा था कि ‘सपनों से सफलता तक का रास्ता मौजूद है। आपके पास बस इसे खोजने की दृष्टि, इस तक पहुंचने का साहस और इसका पालन करने की दृढ़ता होनी चाहिए।’

पी वी सिंधु

नैशनल चैम्पियन रह चुकी पुसर्ला वेंकट सिंधु जिन्हें पी वी सिंधु कहा जाता है, युवाओं के लिए बहुत बड़ी इंस्पिरेशन हैं। खुद के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए उनके ये शब्द काफी प्रेरणादायक हैं। ‘अपने लक्ष्य को पाने के लिए अपना बेस्ट दें। वो करें जो आपको दूसरों से अलग बनाता है। अपने काम में श्रेष्ठ बनें और अपने अधिकार लें। अपने क्षेत्र में अलग पहचान बनाने के लिए अधिक प्रयास करें।’

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