Ratan Tata News: भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार की देर रात 86 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से देशभर में शोक का माहौल है. देश की बड़ी हस्तियों के साथ ही लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. रतन टाटा अपने पीछे एक बड़ी विरासत को छोड़कर गए हैं.
लेकिन अब उनके निधन के बाद सवाल यह उठने लगा है कि आखिर अब उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? रतन टाटा की जगह अब टाटा ट्रस्ट की कमान कौन संभालेगा. दरअसल, अरबों डॉलर की कंपनी टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस का संचालन करती है. इस वजह से उत्तराधिकारी का सवाल और अहम हो जाता है.
होगा चुनाव
रतन टाटा ने अपने निधन से पहले तक किसी को भी इस पद की जिम्मेदारी नहीं दी थी. इस वजह से अब उनके ट्रस्ट ट्रस्टियों में से ही किसी एक व्यक्ति को इस पद पर बैठाया जाएगा. हालांकि इसके लिए उस व्यक्ति का चुनाव होगा. अभी मौजूदा वक्त में टाटा ग्रुप के दो मुख्य ट्रस्ट हैं.
एक सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट है और दूसरा सर रतन टाटा ट्रस्ट है. इन दोनों ही ट्रस्टों के पास संयुक्त तौर पर टाटा ग्रुप की प्रवर्तक कंपनी टाटा संस में करीब 52 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसी कंपनी के द्वारा टाटा समूह की कंपनियों का संचालन किया जाता रहा है.
टाटा ग्रुप मौजूदा वक्त में एयरलाइंस से लेकर एफएमसीसी तक के पोर्टफोलियो को संभालता है. अगर दोनों ट्रस्टों को मिलकर देखा जाए तो कुल 13 ट्रस्टी हैं. इसमें कुछ लोग ऐसे हैं जो दोनों ही ट्रस्टों में ट्रस्टी की भूमिका निभा रहे हैं. रतन टाटा के सौतेले भाई और ट्रेंट के चेयरमैन नोएल टाटा भी इसमें शामिल हैं.
ये हैं सदस्य
नोएल टाटा के अलावा पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह, ऑटोमोबाइल के दिग्गज वेणु श्रीनिवासन, व्यवसायी मेहली मिस्त्री और वकील डेरियस खंबाटा भी शामिल हैं. टाटा ट्रास्ट के प्रमुख के पद का चुनाव इन्हीं ट्रस्टियों में से बहुतम के आधार पर किया जाता है. वर्तमान में विजय सिंह और वेणु श्रीनिवास दोनों ट्रस्टों के उपाध्यक्ष हैं.
अगर चुनाव होता है तो इनमें से किसी एक को प्रमुख चुने जाने की संभावना कम नजर आ रही है. जानकार बताते हैं कि 67 साल के नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का प्रमुख बनाए जाने की संभावना ज्यादा है. उनकी नियुक्ति से पारसी समुदाय भी खुश होगा. बता दें कि रतन टाटा भी पारसी थे. वित्त वर्ष 2023 तक ट्रस्ट को 470 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया जा चुका था.