Sambhal Violence: संभल में बीते रविवार को हुई हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई उपद्रवी तत्वों से किए जाने की तैयारी है. इस मामले में कड़े कदम उठाने के साथ ही उपद्रवियों की पहचान के लिए जगह-जगह पोस्टर लगवाए गए हैं. लेकिन इस मामले में दूसरी ओर सियासी बयानबाजी अभी जारी है.
हिंसा के मामले में पुलिस लगातार सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपियों की पहचान कर रही है. वहीं इन आरोपियों की गिरफ्तार की लिए 30 टीमें गठित की गई हैं. जबकि कोट पूर्वी इलाके में सीसीटीवी से पहचान करने के बाद 100 से अधिक तस्वीरें जारी कर दी गई हैं और अब पुलिस उनकी तलाश कर रही है.
पुलिस ने बताया कि संभल में बाजार और स्कूल फिर से खुलने लगे हैं. लेकिन इसके बाद भी ऐतियाती तौर पर इंटरनेट पर प्रतिबंध 48 घंटों के लिए बढ़ा दिया गया है. दरअसल, बीते रविवार को मोहल्ला कोट पूर्वी में शाही जामा मस्जिद का अदालत के आदेश पर सर्वे का काम शुरू किया गया था.
इनकी हुई मौत
मस्जिद का सर्वे होने के विरोध में भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं उप-जिलाधिकारी समेत करीब 25 लोग घायल हो गए थे. अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, हिंसा में नईम, बिलाल, नोमान और कैफ नाम के युवकों की मौत हुई है. वहीं अब 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इस मामले में 7 FIR दर्ज की गई है, जिसमें समाजवादी पार्टी सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और स्थानीय विधायक इकबाल महमूद समेत 2,750 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है. जबकि राज्यसभा में संभल हिंसा की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग की गई है और दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ.
सपा ने कहा कि वह संसद में संभल के मुद्दे पर बहस की मांग कर रहे हैं. इस हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग करते हैं. सांसद डिंपल यादव ने कहा कि इस संबंध में सभापति को नोटिस जारी किया है.